भगवान जोरावर धाम एक पवित्र तीर्थ स्थल है जो भक्तों के लिए आस्था, शक्ति और शांति का प्रतीक है। यह धाम भगवान जोरावर को समर्पित है, जिन्हे साहस, भक्ति और दिव्य शक्ति के रूप में पूजा जाता है। राजस्थान प्रदेष के धौलपुर जिले में स्थित चितौरा गांव में यह स्थान अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। यहां आने वाले श्रद्धालु एवं भक्तगण भगवान जोरावर से अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति और जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करते है।
भगवान जोरावर धाम का इतिहास प्राचीन समय से जुड़ा हुआ माना जाता है। स्थानीय प्रामाणिक मान्यताआंे और वृतांतों के अनुसार इस स्थान पर भगवान जोरावर की अदभुत दिव्य शक्ति के अनेक चमत्कार देखने को मिले है। जिसके कारण यह धाम भक्तगणों एवं श्रद्धालुओं के लिए विषेष स्थान के रूप में पीड़ियों से पूजनीय स्थल रहा है। जहां आज भी प्रभु की दिव्यता कायम है। यह दिव्य स्थान न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यहाँ का शांत वातावरण भी मन को सुकून प्रदान करता है।
प्रामाणिक मान्यताओं व वृतातों के आधार पर करीब 130 वर्ष पूर्व राजस्थान प्रदेष धौलपुर रियासत के एक छोटे से गांव चितौरा में एक ऐसी दिव्य आत्मा ने जन्म लिया, जिसने यह सिद्ध कर दिया कि परम सत्य और परमात्मा को न केवल साधु-संत या सन्यासी बनकर ही जाना जा सकता है, अपितु गृहस्थ जीवन में रहकर भी जाना जा जकता है। ऐसे महापुरूष का नाम था जोरावर !